
नई दिल्ली: दुनिया भर के खगोल प्रेमियों के लिए एक रोमांचक खगोलीय घटना होने वाली है। 28 फरवरी 2025 को “प्लैनेटरी परेड” (ग्रहों की परेड) नामक दुर्लभ खगोलीय संयोग में सात ग्रह एक साथ आकाश में दिखाई देंगे। यह एक विशेष अवसर होगा जब पृथ्वी से एक ही रात में कई ग्रहों को देखना संभव होगा।
क्या होती है “ग्रहों की परेड”?
ग्रहों की परेड तब होती है जब सौरमंडल के कई ग्रह अपनी कक्षाओं में इस प्रकार व्यवस्थित हो जाते हैं कि वे पृथ्वी से देखने पर एक सीधी रेखा में प्रतीत होते हैं। वास्तव में, वे अंतरिक्ष में एक सटीक सीधी रेखा में नहीं होते, लेकिन सूर्य के एक ही ओर होते हैं, जिससे यह दृश्य बनता है।
सात ग्रहों की इस तरह की परेड बहुत दुर्लभ होती है। अगली बार यह घटना 2040 में देखने को मिलेगी। (Travel and Leisure)
किन ग्रहों को देखा जा सकेगा?
- बुध (Mercury) – सूर्यास्त के बाद पश्चिमी क्षितिज के पास दिखाई देगा, लेकिन बहुत धुंधला होगा।
- शुक्र (Venus) – सबसे चमकीला ग्रह, जिसे आसानी से बिना दूरबीन के देखा जा सकता है।
- मंगल (Mars) – लालिमा लिए चमकता हुआ ग्रह, जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है।
- बृहस्पति (Jupiter) – बहुत चमकीला, दक्षिण-पूर्वी आकाश में देखा जा सकता है।
- शनि (Saturn) – क्षितिज के पास होने के कारण इसे देखना थोड़ा कठिन होगा।
- अरुण (Uranus) और वरुण (Neptune) – ये दूरस्थ ग्रह हैं, जिन्हें केवल दूरबीन या टेलीस्कोप से ही देखा जा सकता है।
ग्रहों की परेड देखने के लिए ज़रूरी टिप्स
- समय का ध्यान रखें: सूर्यास्त के तुरंत बाद आकाश को देखना शुरू करें, क्योंकि बुध और शनि जल्दी ही अस्त हो जाएंगे।
- स्थान चुनें: शहर की रोशनी से दूर किसी खुले स्थान पर जाएं, जहाँ प्रकाश प्रदूषण कम हो और क्षितिज स्पष्ट दिखाई दे।
- उपकरण: शुक्र, मंगल और बृहस्पति नंगी आँखों से देखे जा सकते हैं, लेकिन दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग करने पर अरुण और वरुण ग्रह भी दिख सकते हैं।
- स्टारगेज़िंग ऐप्स: ग्रहों की सही स्थिति का पता लगाने के लिए आप मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मौसम की भूमिका
ग्रहों को देखने के लिए साफ और बादल रहित आकाश आवश्यक है। चंडीगढ़, भारत में 28 फरवरी को सुबह हल्की बारिश और बादलों की संभावना है। (El Pais)
इसलिए, मौसम पूर्वानुमान पर नज़र रखना ज़रूरी होगा। यदि आसमान साफ़ हो, तो इस दुर्लभ दृश्य को देखना एक शानदार अनुभव हो सकता है।
इस घटना का वैज्ञानिक और सांस्कृतिक महत्व
इतिहास में, ग्रहों की परेड को विभिन्न संस्कृतियों ने विशेष रूप से देखा है। इसे कभी शुभ संकेत माना गया तो कभी प्राकृतिक आपदाओं से जोड़ा गया। वैज्ञानिक दृष्टि से, यह खगोलीय घटना ग्रहों की गतिशीलता और कक्षाओं के अध्ययन का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है।
अगली बार कब होगी ऐसी परेड?
सात ग्रहों की परेड दुर्लभ होती है। पिछली बार ऐसी घटना 2022 में हुई थी, और इसके बाद 2040 में देखने को मिलेगी।
निष्कर्ष
28 फरवरी 2025 की ग्रहों की परेड एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जिसे मिस करना नहीं चाहिए। चाहे आप एक खगोलशास्त्री हों या सिर्फ एक उत्साही पर्यवेक्षक, यह मौका ग्रहों के शानदार संरेखण को देखने का है। साफ़ आसमान और सही स्थान चुनकर, आप इस दुर्लभ खगोलीय नज़ारे का आनंद ले सकते हैं!