वॉशिंगटन, डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विवादित “गोल्ड कार्ड” प्रस्ताव का बचाव करते हुए कहा कि यह केवल अमीर प्रवासियों के लिए नहीं, बल्कि अमेरिकी कंपनियों को बेहतरीन टैलेंट को बनाए रखने में मदद करेगा। उन्होंने खासतौर पर उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों का जिक्र किया, जो अमेरिका के टॉप यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई कर ग्रेजुएट होते हैं।
“मुझे कंपनियों से कॉल आते हैं। वे स्कूल के नंबर 1 स्टूडेंट को हायर करना चाहते हैं। ये स्टूडेंट्स भारत, चीन, जापान और कई देशों से आते हैं। वे हार्वर्ड, वॉर्टन स्कूल, येल जैसी बड़ी यूनिवर्सिटीज से पढ़कर टॉप रैंक के साथ ग्रेजुएट होते हैं और फिर उन्हें नौकरियों के ऑफर मिलते हैं,” ट्रंप ने बुधवार को अपनी दूसरी पारी की पहली कैबिनेट मीटिंग में कहा।
हालांकि, उन्होंने माना कि अप्रवासन (इमिग्रेशन) की अनिश्चितताओं के कारण अमेरिकी कंपनियों को अक्सर ऐसे छात्रों को नौकरी देने से पीछे हटना पड़ता है।
“वे ऑफर एक्सेप्ट करते हैं, लेकिन फिर उसे तुरंत वापस ले लिया जाता है, क्योंकि किसी को नहीं पता कि वह व्यक्ति अमेरिका में रह सकता है या नहीं। मैं चाहता हूं कि वे यहां रहें। अमेरिकी कंपनियां अब गोल्ड कार्ड खरीदकर इन टैलेंटेड लोगों को अपने यहां रख सकती हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि दो हफ्तों में इसकी बिक्री शुरू होगी,” ट्रंप ने कहा।
बेस्ट टैलेंट को अमेरिका में रोकने की नई योजना
सिलिकॉन वैली की कंपनियां लंबे समय से कुशल कर्मचारियों की कमी की शिकायत कर रही हैं। एक ओर जहां ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवास को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर वे काबिल और अमीर अप्रवासियों को अमेरिका में लाने के पक्षधर भी हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि गोल्ड कार्ड स्कीम से सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिलेगा, जिसे राष्ट्रीय कर्ज चुकाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
“मुझे लगता है कि ये स्कीम बहुत तेजी से बिकेगी। यह एक बेहतरीन सौदा है,” उन्होंने कहा।
मंगलवार को पेश किए गए इस प्रस्ताव के तहत कोई भी व्यक्ति 5 मिलियन डॉलर (लगभग 41 करोड़ रुपये) का भुगतान कर अमेरिका में स्थायी निवास और नागरिकता का रास्ता खोल सकता है। ट्रंप का दावा है कि इसके लिए उन्हें कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी, लेकिन कई इमिग्रेशन विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए कानून निर्माताओं की स्वीकृति जरूरी होगी।
क्या हर किसी को मिलेगा गोल्ड कार्ड?
अब भी यह साफ नहीं है कि गोल्ड कार्ड पाने के लिए किन-किन शर्तों को पूरा करना होगा। जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या चीन जैसे देशों के नागरिकों पर कोई प्रतिबंध होगा, तो उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह राष्ट्रीयता (नेशनलिटी) पर आधारित नहीं होगा, लेकिन कुछ नियम जरूर होंगे।
“हम ऐसे लोगों को चाहते हैं जो अमेरिका से प्यार करते हों और इस देश से जुड़े रहना चाहते हों,” ट्रंप ने कहा।
इस दौरान वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक, जो राष्ट्रपति के बगल में बैठे थे, ने सुझाव दिया कि गोल्ड कार्ड योजना मौजूदा EB-5 वीजा कार्यक्रम की जगह ले सकती है। EB-5 वीजा उन विदेशी निवेशकों को स्थायी निवास प्रदान करता है, जो किसी अमेरिकी बिजनेस में निवेश कर कम से कम 10 नौकरियां पैदा करते हैं।
लेकिन गोल्ड कार्ड योजना में पैसे सीधे अमेरिकी सरकार के खाते में जाएंगे। ट्रंप का दावा है कि अगर 10 लाख गोल्ड कार्ड बेचे जाएं, तो इससे 5 ट्रिलियन डॉलर (करीब 410 लाख करोड़ रुपये) जुटाए जा सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।